नई दिल्ली। चीन को झटका देते हुए अमेरिका ने भारत को स्ट्रैटजिक ट्रेड आॅथराइजेशन-1 (एसटीए-1) सूची में शामिल कर लिया है। इसका असर विशेष रूप से सिविल स्पेस और डिफेंस सेक्टर्स में नजर आएगा। अब अमेरिका से भारत को हाई-टेक्नॉलजी प्रॉडक्ट्स की बिक्री का रास्ता साफ हो गया है। भारत को मिला यह दर्जा चीन के लिए कड़ा राजनीतिक संदेश है। एशिया में जापान और दक्षिण कोरिया के बाद भारत तीसरा देश है जिसे अमेरिका ने यह दर्जा दिया है जबकि पूरे विश्व में भारत 37वां देश है। अमेरिका सिर्फ उन देशों को एसटीए-1 की सूची में शामिल करता रहा है जो मिसाइल टेक्नॉलॉजी कंट्रोल रिजाइम, वॉसेनार अरेंजमेंट, आॅस्ट्रेलिया ग्रुप और एनएसजी के सदस्य रहे हैं। भारत तीन समूहों का सदस्य है। भारत को अब तक एनएसजी की सदस्यता नहीं मिल पाई है क्योंकि चीन हर बार इसमें बाधा डालता रहा है।
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