नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी का गुरुवार को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। वे पिछले दो माह से एम्स में भर्ती थे। बुधवार को उनकी तबियत अचानक गंभीर होने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी सहित अनेक नेता एम्स पहुंचे थे। गुरुवार शाम को उन्होंने अंतिम सांस ली।
अटलजी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में हुआ था। 1992 में उन्हें पद्मभूषण, 1994 में लोकमान्य तिलक अवार्ड, 1994 में बेस्ट सांसद अवार्ड, 1994 में पंडित गोविंद वल्लभ पंत अवार्ड और 2014 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
अटलजी पिछले करीब पचास वर्षों से भी अधिक समय तक राजनीति में सक्रिय रहे। राजनीतिक में उन्हें आदर्शवादी नेता के रूप में जाना जाता है। आम लोग अटलजी को हमेशा निर्विवाद, विद्वान और आदर्शवादी नेता के रूप में पसंद करते रहे। पक्ष-विपक्ष सभी के साथ उनके हमेशा मधुर संबंध रहे। अटलजी पहले 16 मई से 1 जून-1996 तक और फिर 19 मार्च-1998 से 22 मई-2004 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे। वे पांच दशकों तक संसद में सक्रिय रहे। चार अलग-अलग प्रदेशों से वे सांसद निर्वाचित हुए। वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। राजनेता के साथ ही वे कवि भी थे। उनके अनेक रचनाएं प्रकाशित हुईं। हिंदी से उन्हें विशेष प्रेम रहा। वे पहले राजनेता थे जिन्होंने यूएन असेम्बली में हिंदी में भाषण दिया।