इस्लामाबाद। पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी इमरान खान ने शनिवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में भारत से पूर्व क्रिकेटर तथा कांग्रेस नेता नवजोतसिंह सिद्धू इस समारोह में शामिल हुए। वे पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा से गले मिले। उनके इस कदम से कांग्रेस बैकफुट पर नजर आ रही है। कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा है कि यदि वे मैं मुझसे सलाह लेते तो मैं उन्हें पाकिस्तान जाने से रोकता। माना कि वे इमरान से दोस्ती के कारण गए हैं लेकिन दोस्ती देश से बड़ी नहीं होती। भारत सरकार को भी उन्हें वहां जाने से रोकना था।
सिद्धू ने लाहौर में मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि मैं यहां दिलों को जोड़ने के लिए आया हूं। अपने मित्र इमरान के आमंत्रण पर मैं यहां आया हूं। खिलाड़ी और कलाकार ही दोनों देशों के बीच की दूरिया मिटा सकते हैं। मैं यहां पाकिस्तानी लोगों के लिए प्यार का संदेश लेकर आया हूं। सिद्धू ने हिंदुस्तान जीवे, पाकिस्तान जीवे का नारा भी लगाया। उल्लेखनीय है कि इमरान खान ने शपथ ग्रहण समारोह में सुनील गावस्कर और कपिल देव को भी आमंत्रित किया गया था लेकिन दोनों ही अपनी-अपनी व्यस्तताएं बताते हुए समारोह में शामिल नहीं हुए। भारत से केवल सिद्धू ही इस समारोह में मौजूद थे। पाकिस्तान सरकार ने उन्हें पाक अधिकृत कश्मीर के राष्ट्रपति मसूद खान के नजदीक बैठाया। विश्लेषकों का कहना है कि पाक सरकार ने जानबूझ कर ऐसा किया।
समारोह में सिद्धू पाक आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा से गले मिले। इसके बाद कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने एक न्यूज चैनल से चर्चा करते हुए सिद्धू की पाक यात्रा को का समर्थन नहीं किया। उन्होंने साफ कहा कि सीमा पर हमारे जवान मारे जा रहे हैं और ऐसे में पाकिस्तान के आर्मी चीफ से सिद्धू का गले मिलना गलत संदेश देता है। यदि सिद्धू मुझसे सलाह लेते तो मैं उन्हें पाकिस्तान जाने से मना करता। भारत सरकार को सिद्धू को पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं देनी थी। भारत सरकार की सहमति से वह पाकिस्तान गए हैं।