गाजियाबाद। हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की ओर कूच कर चुके हैं। वे अपनी मांगों के निराकरण के लिए सरकार तक आवाज पहुंचाना चाहते हैं। भारतीय किसान यूनियन द्वारा किसान क्रांति यात्रा की शुरूआत 23 सितंबर को हरिद्वार से की गई थी। यात्रा आज गाजियाबाद पहुंच चुकी है और गांधी जयंती पर 2 अक्टूबर को दिल्ली पहुंचेगी। इतनी बड़ी संख्या में किसानों को आते देख सरकार भी सतर्क हो गई है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव चौधरी युद्धवीर सिंह ने दावा किया है कि दिल्ली तक पहुंचते-पहुंचते किसानों की संख्या लाखों में हो जाएगी क्योंकि हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश के किसान बड़ी संख्या में सीधे किसान घाट आएंगे। उन्होंने बताया कि संपूर्ण कर्ज माफी और फसलों के दाम स्वामीनाथन आयोग के सी-2 फार्मूले के आधार पर देने सहित 21 मांगों को लेकर यह यात्रा निकाली जा रही है।
यात्रा में पंजाब, हरियाणा, मप्र, उत्तराखंड समेत पूर्वांचल के बुजुर्ग और महिला किसान भी शामिल हैं। युवा किसानों के जत्थे पैदल चल रहे हैं। ट्रैक्टर-ट्रालियों में बुजुर्ग सवार हैं। यात्रा में हर दिन किसानों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है।
किसानों की प्रमुख मांगें-
स्वामीनाथन कमेटी की अनुशंसा के अनुसार किसानों की आय सी-2 आधार पर तय हो। किसानों का सम्पूर्ण कर्ज माफ करें। किसानों के लिए पेंशन योजना लागू करें। गन्ने का भुगतान 14 दिनों में किया जाए। चीनी का न्यूनतम मूल्य 40 रु. प्रति किलो तय करें। आवारा पशुओं से फसल को बचाने का इंतजाम करें। एनसीआर में 10 साल पुराने ट्रैक्टरों पर प्रतिबंध तुरंत हटाएं। किसान क्रेडिट कार्ड योजना में बिना ब्याज के लोन दें। महिलाओं के क्रेडिट कार्ड अलग से बनाएं।