गंगा के लिए प्रोफेसर ने प्राण त्यागे

गंगा के लिए प्रोफेसर ने प्राण त्यागे

हरिद्वार। गंगा एक्ट लागू करने की मांग को लेकर 111 दिनों से अनशन कर रहे पर्यावरणविद् प्रो. जीडी अग्रवाल उर्फ ज्ञानस्वरूप सानंद (86) का गुरुवार को निधन हो गया। उनका स्वास्थ्य तेजी से खराब हो रहा था। इसे देखते हुए प्रशासन ने उन्हें एक दिन पहले ही अनशन स्थल से जबरन उठा कर अस्पताल में भर्ती कराया था। अंतिम समय में उनके साथ उनके भतीजे चेतन गर्ग और मातृ सदन के ब्रह्मचारी प्रेमानंद मौजूद थे। गुरुवार सुबह प्रो. अग्रवाल ने अस्पताल प्रबंधन के आग्रह पर पोटेशियम लेने के लिए सहमति दे दी थी। दोपहर 1.20 बजे उनका निधन हो गया। मातृ सदन के अध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने प्रो. अग्रवाल की मौत के लिए जिला प्रशासन के साथ ही एक केंद्रीय मंत्री को जिम्मेदार ठहराया है। प्रो. अग्रवाल ने गंगा एक्ट की मांग को लेकर 22 जून 2018 को मातृ सदन में गंगा अनशन शुरू किया था। अनशन के दौरान स्वास्थ्य बिगड़ने पर पहले भी दो बार उन्हें एम्स में भर्ती कराना पड़ा था। बीते मंगलवार को उन्होंने जल भी त्याग दिया था। इसके बाद उनकी सेहत तेजी से खराब होने लगी थी। प्रो. अग्रवाल से पहले गंगा की अविरलता और अवैध खनन के खिलाफ मातृ सदन के शिष्य ब्रह्मचारी निगमानंद ने भी 115 दिन के अनशन के बाद 13 जून 2011 को शरीर छोड़ दिया था। पिछले सप्ताह ही प्रो. अग्रवाल के छोटे भाई का देहांत हुआ था।