नई दिल्ली। देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब शीर्ष जांच एजेंसी सीबीआई ही सवालों के घेरे में आ गई है और सीबीआई का दिल्ली स्थित हेडक्वार्टर सील कर दिया गया है। साथ ही सीबीआई डायरेक्टर और एडिशनल डायरेक्टर को छुट्टी पर भेज दिया गया है। उनके साथ कार्यरत अधिकारियों को भी हटा दिया गया है। केंद्र सरकार ने नागेश्वर राव को अंतरिम डायरेक्टर नियुक्त किया है। बुधवार सुबह जब अधिकारी आॅफिस पहुंचे तो आॅफिस का 10वां और 11वां फ्लोर सील मिला। अधिकारियों और अन्य स्टाफ को वहां से लौटना पड़ा।
दरअसल यह सब सीबीआई चीफ (सीबीआई डायरेक्टर) आलोक वर्मा और एडीशनल चीफ (स्पेशल डायरेक्टर) राकेश अस्थाना के बीच चल रहे झगड़े के कारण हुआ। डायरेक्टर वर्मा ने स्पेशल डायरेक्टर अस्थाना पर रिश्वत का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली थी। इस मामले में अस्थाना के अधीन नियुक्त एक डीएसपी को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। इस बीच अस्थाना ने कोर्ट की शरण ली और कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर सोमवार तक रोक लगा दी। अस्थाना ने वर्मा पर आरोप लगाया था कि उन्होंने जानबूझ कर उन्हें फंसाने के लिए साजिश रची है।
बीती रात करीब 11 बजे इस मामले में नया घटनाक्रम शुरू हुआ। केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) की अनुशंसा केंद्र सरकार को मिलने के बाद यह शुरुआत हुई। रिश्वत मामले में सीवीसी तक भी शिकायत पहुंची थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने तुरंत सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया। साथ ही सीबीआई हेडक्वार्टर को सील कर दिया गया। सुबह जब अधिकारी और अन्य स्टाफ आॅफिस पहुंचा तो उन्हें वापस लौटा दिया गया। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने वर्मा की जगह नागेश्वर राव को अंतरिम डायरेक्टर नियुक्त करने का आदेश जारी किया है। दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय के 10वें और 11वें फ्लोर पर जहां उक्त दोनों अधिकारी और इनकी टीम बैठती थी वहां रखी फाइलों की जांच की जा रही है।