चेन्नई। मद्रास हाई कोर्ट ने दवाइयों की आॅनलाइन बिक्री को 9 नवंबर तक रोकने का अंतरिम आदेश दिया है। न्यायमूर्ति आर. महादेवन ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।
तमिलनाडु केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने इस संबंध में याचिका दायर की है। याचिका में मांग की गई है कि उन लिंक्स को प्रतिबंधित किया जाए जिनके माध्यम से दवाइयों की आॅनलाइन बिक्री की जा रही है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस मामले में नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा है। अगली सुनवाई 9 नवंबर को होगी। एसोसिएशन ने दलील दी है कि आॅनलाइन दवाइयों की खरीद उपभोक्ताओं के लिए सुविधाजनक तो हो सकती है लेकिन बिना लाइसेंस वाले आॅनलाइन स्टोर से दवाइयां खरीदना जोखिम भरा भी हो सकता है क्योंकि वे फर्जी, निर्धारित अविध पार कर चुकी, दूषित और अस्वीकृत दवाइयां बेच सकते हैं। देश में दवाईयों का निर्माण और बिक्री औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम 1940, औषधि और प्रसाधन सामग्री नियम 1945 और फार्मेसी अधिनियम 1948 के तहत होती है। एसोसिएशन ने कहा कि यह कानून कम्प्यूटर आने के पहले के हैं। देश में दवाइयों की आॅनलाइन बिक्री को परिभाषित करने के लिए कोई ठोस कानून नहीं है।