नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को शराब कारोबारी विजय माल्या की याचिका खारिज कर दी। याचिका में माल्या ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई पर रोक लगाने की अपील की थी। ईडी ने मुंबई स्थित विशेष कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मांग की थी कि माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जाए। माल्या ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने नवंबर में माल्या की अर्जी खारिज कर दी थी। हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ माल्या ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। ईडी द्वारा माल्या के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच की जा रही है। 22 जून को ईडी ने विशेष कोर्ट में अर्जी दाखिल कर माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर उसकी संपत्तियां जब्त करने का अधिकार देने की मांग की थी।
विजय माल्या ने गुरुवार को ट्वीट कर अपील की थी कि वह बैंकों का बकाया चुकाने को तैयार है लेकिन यह आरोप हटाया जाना चाहिए कि उसन बैंकों का पैसा चुराया। माल्या ने बुधवार को सेटलमेंट का प्रस्ताव देते हुए कहा था कि वह वर्ष 2016 में ही कर्ज चुकाने को तैयार था। इस बारे में सरकार को पत्र भी लिखा था लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
यूके की अदालत में माल्या के प्रत्यर्पण का मामला चल रहा है। भारत ने फरवरी में माल्या के प्रत्यर्पण की अपील की थी। कोर्ट 10 दिसंबर को फैसला सुना सकती है। इस मामले में 12 सितंबर को आखिरी सुनवाई हुई थी। माल्या पर भारतीय बैंकों के 9 हजार करोड़ रुपए बकाया हैं। वह मार्च 2016 में लंदन भाग गया था।