चंडीगढ़। सेना द्वारा नियंत्रण रेखा के पार जाकर पाक सीमा में सर्जिकल स्ट्राइक किए जाने के दो साल बाद लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डीएस हुड्डा ने कहा कि सफलता पर शुरूआती खुशी स्वाभाविक है लेकिन उसका लगातार प्रचार अनुचित है।
जनरल हुड्डा 29 सितंबर 2016 को नियंत्रण रेखा के पार की गई सर्जिकल स्ट्राइक के समय उत्तरी सैन्य कमान के कमांडर थे। उरी में आतंकवादी हमले के जवाब में सर्जिकल स्ट्राइक की गई थी। जनरल हुड्डा यहां सैन्य साहित्य महोत्सव 2018 के पहले दिन सीमा पार अभियानों और सर्जिकल स्ट्राइक की भूमिका विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। पंजाब सरकार की विज्ञप्ति के अनुसार इस कार्यक्रम में सेना के पूर्व जनरलों और कमांडरों के साथ पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनोर भी शामिल हुए। युद्ध में भाग ले चुके कई अनुभवी अधिकारियों ने सैन्य अभियानों के राजनीतिकरण के खिलाफ आगाह किया। लेफ्टिनेंट जनरल हुड्डा ने कहा कि सफलता को लेकर शुरूआती खुशी स्वाभाविक है लेकिन सैन्य अभियानों का लगातार प्रचार करना अनुचित है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह बेहतर होता कि ऐसी सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी गोपनीय रखी जाती।