नई दिल्ली। गुरुवार रात से अगली कुछ रातों तक आसमान में खगोलीय आतिशबाजी का नजारा दिखाई देगा। इस उल्कापात को जेमिनिड मिटियोर शॉवर कहा जाता है। यह एक खास खगोलीय घटना है। आकाश में जेमिनिड्स के कारण आगे आने वाली कुछ रातों में भव्य आतिशबाजी दिखाई देगी।
यह जेमिनिड्स 78 हजार मील प्रति घंटे की रफ्तार से आकाश में गुजरेंगे। इनसे पृथ्वी को कोई खतरा नहीं है और लोग बिना किसी भय के आतिशबाजी का आनंद ले सकते हैं। रात्रि 9 बजे बाद इसे बिना दूरबीन के सामान्य रूप से देखा जा सकेगा। रात्रि 12 बजे आतिशाजी सर्वाधिक होगी। इस दौरान प्रतिघंटे 120 मीटियोर को देखा जा सकेगा। वैज्ञानिकों के अनुसार जेमिनिड मिटियोर शावर 3 मील चौड़े ऐस्टरॉयड के कारण बनता है। इस ऐस्टरॉयड का नाम 3200-फेथॉन है। यह हर 523 दिनों में एक बार धरती से सबसे निकट होता है। सूर्य से नजदीकी के कारण इनका तापमान 800 डिग्री तक रहता है और तेज गति से गुजरने के कारण इनमें से एक पदार्थ निकलता रहता है जिससे आसमानी आतिशबाजी (मीडियोर शावर) दिखाई पड़ती है। सभी ऐस्टरॉयड बर्फ, धूल और पत्थर से निर्मित होते हैं लेकिन जेमिनिड ऐस्टरॉयड पत्थर और धातु से बना है।