नई दिल्ली। सरकार ने अप्रैल से नवंबर के बीच 12 हजार करोड़ की जीएसटी की चोरी पकड़ी है। सेंट्रल ई-बिल सिस्टम के बावजूद जीएसटी की काफी चोरी हो रही है।
जीएसटी 1 जुलाई 2017 से लागू किया गया था। इसमें एक्साइज ड्यूटी और सर्विस टैक्स जैसे 17 टैक्स को शामिल किया गया है। सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 1.2 करोड़ करदाताओं में से लगभग १० प्रतिशत ही जीएसटी की चोरी कर रहे हैं। केंद्र और राज्यों के प्रतिनिधित्व वाली जीएसटी काउंसिल ही जीएसटी से जुड़े सभी फैसले लेती है। अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (एएआर) के लिए केंद्र सरकार राष्ट्रीय बेंच बनाना चाहती थी लेकिन इसमें हरेक राज्य से प्रतिनिधित्व होना जरूरी है। मार्च में एएआर की नई दिल्ली बेंच ने फैसला दिया था कि एयरपोर्ट्स पर ड्यूटी फ्री शॉप को पैसेंजर्स से जीएसटी काटना होगा। हालांकि इन शॉप को पुराने सिस्टम में सर्विस टैक्स और सेंट्रल सेल्स टैक्स से छूट मिली हुई थी। सोलर इंडस्ट्री भी महाराष्ट्र की एएआर और कर्नाटक की एएआर द्वारा उपकरणों पर जीएसटी की अलग-अलग दर लगाने के फैसलों के कारण असमंजस में है।