प्रयागराज। कुंभ का शुभारंभ 15 जनवरी को मकर संक्रांति पर प्रयागराज में बड़ी ही धूमधाम के साथ हुआ। पहले दिन संतों के साथ ही लाखों लोगों ने पवित्र स्नान कर संक्रांति के अवसर पर सूर्य को अर्घ्य दिया। 49 दिनों तक चलने वाले कुंभ में 15 करोड़ लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। 4 मार्च को कुंभ का समापन होगा। शासन का दावा है कि करीब 10 लाख विदेशी नागरिक भी इसमें शामिल होंगे। सरकार के अनुसार कुंभ के आयोजन पर करीब 4300 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में कुंभ का आयोजन होता है। हर स्थान पर 12वें साल कुंभ होता है। प्रयागराज में दो कुंभ पर्वों के बीच 6 साल के अंतराल में अर्धकुंभ भी होता है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कुंभ की संपूर्ण व्यवस्थाएं की गई हैं। मेला पहले 20 वर्ग किमी के दायरे में आयोजित किया जाता था लेकिन इस बार दायरा बढ़ाकर 45 वर्ग किमी कर दिया गया है। मेले में 50 करोड़ की लागत से 4 टैंट सिटी भी बनाई गई हैं, इनके नाम हैं- वृक्ष, कुंभ कैनवास, वैदिक टैंट और इंद्रप्रस्थ सिटी। चारों टैंट सिटी में कुल 1 लाख कॉटेज और 600 रसोई घर हैं। 200 एटीएम, 48 मिल्क बूथ, 4 हजार हॉट-स्पॉट और 1.20 लाख बॉयो टॉयलेट की व्यवस्था भी की गई है।
लोगों को पीने का पानी आसानी से मिल सके इसके लिए 690 किमी लंबी पानी की पाइप लाइन बिछाई गई है। 800 किमी लंबाई में बिजली सप्लाई की व्यवस्था की गई है। 25 हजार स्ट्रीट लाइट लगाई हैं। सफाई व्यवस्था संभालने के लिए 7 हजार स्वच्छताकर्मी तैनात किए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था 20 हजार पुलिसकर्मी संभाल रहे हैं। 2 इंटीग्रेटेड कंट्रोल कमांड एंड सेंटर बनाए गए हैं जो भीड़ और ट्रैफिक को नियंत्रित करेंगे। इसके साथ ही 4 पुलिस लाइन समेत 40 पुलिस थाने, 3 महिला थाना और 62 पुलिस चौकियां बनाई गई हैं।