प्रयागराज। कुंभ मेले का दूसरा शाही स्नान सोमवार तड़के से प्रारंभ हुआ। माघी अमावस्या (मौनी अमावस्या) पर गंगा में डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ संगम के घाटों पर पहुंच रही है।
माघ महीने की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है। इसी दिन कुंभ के पहले तीर्थांकर ऋषभ देव ने लंबी तपस्या का मौन व्रत तोड़ा था और संगम के पवित्र जल में स्नान किया था। सनातन धर्म में हर अमावस्या का खास महत्व है। शाही स्नान के लिए संगम घाट पर सोमवार को सबसे पहले सुबह सवा 6 बजे महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा ने स्नान किया। इसके बाद श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा, तपोनिधि श्री पंचायती आनंद, पंचदशनाम जूना अखाड़ा, अग्नि, आह्वान, निर्वाणी अनि, दिगंबर, श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े के संतों ने डुबकी लगाई। 41 घाटों पर श्रद्धालुओं द्वारा स्नान किया जा रहा है। मेला प्रशासन के अनुसार सोमवार को करीब 3 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज में मौजूद हैं।
मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था सख्त की गई है। पैरा मिलिट्री की 17 कंपनियां, आरएएफ, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी, आईटीबीपी और अन्य अर्द्धसैनिक बलों की 37 कंपनियां तैनात हैं। एनडीआरएफ की 10 कंपनियां मुस्तैद हैं। होमगार्ड के 14 हजार जवानों को भी तैनात किया गया है। घुड़सवार पुलिस घाटों से लेकर संगम तक निगरानी कर रही है।