नई दिल्ली। सरकार की कथित वादाखिलाफी के विरोध में दो हस्तियों ने पद्म पुरस्कार लौटाने की चेतावनी दी है। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा है कि वे पद्म भूषण सम्मान भारत सरकार को लौटाने वाले हैं। अन्ना को पद्म भूषण सम्मान 1992 में दिया गया था।
अन्ना 30 जनवरी से महाराष्ट्र स्थित अपने गांव रालेगण सिद्धि में धरने पर बैठे हैं। इस दौरान उनका वजन तेजी से गिरता जा रहा है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार ने लोकपाल-लोकायुक्तों की नियुक्ति और चुनाव सुधार के उपायों को लागू करने का वादा पूरा नहीं किया। इससे पहले फिल्म निर्माता अरिबाम श्याम ने नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में पद्मश्री सम्मान लौटाने के लिए चेतावनी दी है।
अन्ना हजारे ने कहा है कि यदि केंद्र सरकार देश से किए वादों को पूरा नहीं करती है तो मैं अपना पद्म भूषण सम्मान लौटा दूंगा। सरकार ने लोगों का विश्वास तोड़ा है। अन्ना ने कहा है कि मैंने पद्म भूषण सम्मान पाने के लिए समाजसेवा का कार्य नहीं किया था। समाज और देश के लिए मैं लंबे समय से कार्य कर रहा हूं। इस कार्य को देखते हुए सरकार ने मुझे यह सम्मान दिया था। उन्होंने सवाल उठाया कि अब अगर देश या समाज इस हालत में है तो मैं इस सम्मान को क्यों रखूं?
फिल्म निर्माता अरिबाम श्याम शर्मा (83) ने मोदी सरकार के नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में अपना पद्म श्री सम्मान लौटा दिया है। केंद्र सरकार ने मणिपुरी सिनेमा में योगदान के लिए उन्हें 2006 में इस सम्मान से नवाजा था अरिबाम ने सत्तर के दशक में मणिपुर के सिनेमा में क्रांतिकारी बदलाव किए थे। 40 साल के करियर में उन्होंने 14 फिल्में बनाईं। 31 नॉन फीचर फिल्में भी बनाईं। इनमें मणिपुर की कला, संस्कृति और दैनिक जीवन को शामिल किया गया।