पेइचिंग। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हुए आत्मघाती हमले की चीन ने निंदा तो की है लेकिन हमले में शामिल आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का साथ छोड़ने से इंकार किया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य चीन ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकियों की सूची में शामिल करने के प्रस्ताव को समर्थन नहीं दिया था। भारत की ताजा अपील पर इस मामले में साथ देने से चीन ने फिर इंकार कर दिया है।
भारत के संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों के तहत अजहर को वैश्विक आतंकी सूची में डालने के प्रयासों को चीन लगातार विफल करता रहा है। इस जघन्य आतंकी हमले के बाद भी पेइचिंग ने अजहर का ही साथ देते रहने का निर्णय लिया है और भारत की अपील पर साथ देने से फिर इंकार किया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने शुक्रवार को कहा कि पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले की जानकारी मिली है। इस हमले से हम स्तब्ध हैं। हम शहीदों के परिवारवालों के प्रति संवेदना जताते हैं। हम किसी भी प्रकार के आतंकवाद की निंदा करते हैं। हमें उम्मीद है कि इस क्षेत्र के देश आतंकी खतरे से निपटने के लिए आपसी सहयोग करेंगे और क्षेत्रीय शांति व स्थिरता को बनाए रखेंगे। शुआंग से जब अजहर मसूद को वैश्विक आतंकियों की सूची में डालने के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद की 1267 कमेटी ने लिस्टिंग और आतंकी संगठनों पर अपनी प्रक्रिया व शर्तें साफ कर दी हैं। जैश-ए-मोहम्मद को सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध सूची में शामिल किया गया है। चीन इस मसले का जिम्मेदारपूर्ण तरीके से हैंडल करना जारी रखेगा।