नई दिल्ली। किसी पार्टी या उम्मीदवार के समर्थक को भी अपनी निजी संपत्ति मकान, दुकान आदि के सार्वजनिक स्थान पर बैनर या पोस्टर लगाने के पहले जिला निर्वाचन अधिकारी से अनुमति लेनी होगी। यदि अनुमति नहीं ली गई तो इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसा करने पर 1 साल तक की जेल के साथ 50 हजार रुपए तक का जुर्माने का प्रावधान है।
दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने इस संबंध में सूचना जारी की है। जिसमें कहा गया है कि आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी तरह की राजनीतिक व चुनाव प्रचार सामग्री किसी भी संपत्ति (सरकारी और निजी दोनों) को सार्वजनिक स्थान पर लगाने के लिए स्थानीय चुनाव अधिकारी से मंजूरी लेना अनिवार्य है। जो पोस्टर, बैनर या विज्ञापन लगाया जा रहा है उसे भी निर्वाचन कार्यालय से प्रमाणित कराना अनिवार्य है। चुनाव अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली में संपत्ति विरुपण रोकथाम अधिनियम 2007 लागू है। दिल्ली में विज्ञापन लगाने के लिए जगह चिह्नित हैं। इन स्थानों के अलावा किसी अन्य स्थान पर या निजी संपत्ति पर कोई होर्डिंग्स या झंडा लगाता है तो उसे आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। दिल्ली मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के मुताबिक अगर कोई समर्थक अपने उम्मीदवार या पार्टी के समर्थन में अपनी निजी संपत्ति पर कुछ प्रचार सामग्री लगाना चाहता है तो उसे जिला चुनाव अधकारी कार्यालय से मंजूरी लेनी होगी। अगर कोई छपा हुआ बैनर या पोस्टर लगाता है तो उस पर प्रकाशित करने वाले और मुद्रक का नाम, पता भी देना होगा। इस नियम का उल्लंघन होने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत 6 माह तक के कारावास की सजा के साथ ही 1 हजार रुपए के जुर्माने का प्रावधान भी है।