नई दिल्ली। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) ने स्वास्थ्य की दृष्टि से अनुपयुक्त अर्द्धसैनिक बलों के 55 हजार जवानों को युद्धक श्रेणी से हर वर्ष हटाने के लिए नया आकलन तंत्र बनाने का अनुरोध केंद्र सरकार से किया है। हाल ही में गृह मंत्रालय के साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की बैठक के बाद यह कदम उठाया गया है। आंतरिक सुरक्षा बल केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत कार्यरत हैं। सीएपीएफ के तहत सीआरपीएफ, बीएसएफ, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), सीआईएसएफ, आईटीबीपी और असम राइफल्स कार्यरत हैं। पुलवामा आतंकी हमले के बाद सीआरपीएफ ने अपने आॅपरेशन को प्रभावी बनाने के लिए कहा था कि ज्यादा उम्र के जवानों को सीआरपीएफ में रखना मुश्किल है क्योंकि उसकी बटालियनों की ज्यादातर तैनाती युद्धक अभियानों में ही होती है। हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा जवानों और अधिकारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाने के निर्देश के तहत नॉर्थ ब्लॉक में उक्त बैठक बुलाई गई थी। कोर्ट ने कहा था कि सीआईएसएफ और असम राइफल्स की तरह अन्य अर्धसैनिक बलों के जवानों व अधिकारियों की सेवानिवृत्ति उम्र 57 वर्ष से बढ़ा कर 60 वर्ष कर दी जाए।