नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को निर्देश दिए हैं कि इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से जुटाई गई धनराशि की जानकारी 30 मई तक सीलबंद लिफाफे में चुनाव आयोग को सौंपें। कोर्ट ने कहा है कि इलेक्टोरल बॉन्ड से चंदा लेने वाली पार्टियों को दानदाताओं के नाम के साथ, उनसे मिली रकम की भी जानकारी देनी होगी।
उल्लेखनीय है कि कोई भी रजिस्टर्ड राजनीतिक दल जिसने पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनाव में 1 प्रतिशत वोट हासिल किए हों, वह इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए डोनेशन ले सकता है। इलेक्टोरल बॉन्ड 10 दिन के लिए जारी किए जाते हैं। लोकसभा चुनाव के साल में 30 दिन का अतिरिक्त समय दिया जाता है। इन बॉन्ड की वैलिडिटी जारी करने के बाद 15 दिनों तक होती है। इस दौरान इन्हें कैश करवाना पड़ता है। बॉन्ड 1 हजार, 10 हजार, 1 लाख, 10 लाख और 1 करोड़ रुपए की वैल्यू के होते हैं। इन पर डोनर या जिस पार्टी को डोनेट किया जा रहा है उसकी जानकारी नहीं होती।
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