मुंबई। हर दिन ट्रेनों में आम आदमी असुरक्षित होकर यात्रा कर रहा है। कहीं वह लुट रहा है तो कहीं पिट रहा है लेकिन कहीं कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि बात आम आदमी की है तो ऐसी घटनाओं को भी आम घटना मान कर तव्वजो नहीं दी जाती है। दूसरी ओर इन्हीं ट्रेनों में किसी प्रभावशाली व्यक्ति के साथ कोई घटना हो जाए तो वह खबर बन जाती है। मीडिया उसे बढ़-चढ़कर दिखाता है कि ऐसा कैसे हो गया?
ताजा मामला तीन विधायकों का है जो ट्रेन में सफर के दौरान लुट गए। बस फिर क्या था मामला ऊपर तक पहुंच गया। विधानसभा अध्यक्ष ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। विधायकों ने भी कहा है कि जब हमारे साथ ऐसा हो सकता है तो आम आदमी के साथ ट्रेनों में क्या नहीं होता होगा। रविवार को कांग्रेस के विधायक राहुल बोंद्रे और उनकी पत्नी वैशाली बुलढाणा के मलकापुर स्टेशन से विदर्भ एक्सप्रेस में सवार होकर मुंबई के लिए रवाना हुए। अगले दिन सुबह 7 बजे कल्याण स्टेशन पर बोंद्रे दंपति ट्रेन से उतरने लगे इसी दौरान एक युवक वैशाली बोंद्रे का पर्स छीन कर भाग निकला। विधायक बोंद्रे ने लुटेरे का पीछा भी किया लेकिन उसे पकड़ नहीं पाए। बोंद्रे की पत्नी के पर्स में 26 हजार रुपए, एटीएम कार्ड और अन्य कागजात थे। रविवार रात को ही शिवसेना के विधायक संजय रायमूलकर और शशिकांत खेडेकर ने जालना से देवगिरि एक्सप्रेस ट्रेन पकड़ी। रायमूलकर सुबह कल्याण में सोकर उठे तो उनका मोबाइल फोन और पर्स गायब हो चुका था। पर्स में 10 हजार रुपए रखे थे। विधायक खेडेकर का बैग भी चोरों ने ब्लेड से काट दिया और उसमें से नकदी व अन्य सामान निकाल ले गए।
विधायक बोंद्रे ने विधानसभा में इस मामले को उठाया। उन्होंने कहा कि तीनों विधायक अलग-अलग ट्रेनों में एसी कोच में सफर कर रहे थे और उन्हें चोरों ने निशाना बनाया। तीनों विधायक मानसून सत्र में शामिल होने के लिए मुंबई आ रहे थे। जब एसी कोच में विधायक सुरक्षित नहीं हैं तो आम तो आम लोगों का क्या हाल होगा? विधायक की बात सुनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) हरिभाऊ बागड़े ने सरकार से मामले पर ध्यान देने और इसकी जांच के निर्देश दिए।