नई दिल्ली। अयोध्या मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने बुधवार को कहा कि सभी पक्ष 18 अक्टूबर तक दलीलें पूरी कर लें। इस डेडलाइन से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि नवंबर में सुप्रीम कोर्ट इस मामले में निर्णय दे सकती है। मध्यस्थता की कोशिशों पर कोर्ट ने कहा कि इसे समानांतर रूप से जारी रखा जा सकता है लेकिन सुनवाई को रोका नहीं जाएगा।
कोर्ट में बुधवाई को सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के वकीलों राजीव धवन और सीएस वैद्यनाथ द्वारा दलीलें पूरी करने की प्रस्तावित अविध की जानकारी देने के बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि ऐसा लगता है कि सुनवाई 18 अक्टूबर तक पूरी हो जाएगी। सभी पक्ष अपनी दलीलें 18 अक्टूबर तक पूरी कर लें। चीफ जस्टिस ने यह संकेत भी दिया कि यदि समय कम पड़ा तो कोर्ट शनिवार को भी सुनवाई कर सकती है। मुस्लिम पक्ष ने 27 सितंबर तक दलीलें पूरी करने की बात कही। हिंदू पक्ष ने कहा कि इसके बाद सवाल-जवाब में 2 दिन लगेंगे। मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने भी कहा कि उन्हें भी सवाल-जवाब के लिए 2 दिन चाहिए। कोर्ट के उक्त निर्देश के बाद कानून विशेषज्ञों द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है कि नवंबर में अयोध्या मामले का निर्णय आ सकता है। चीफ जस्टिस गोगोई 17 नवंबर को रिटायर होंगे। इस स्थिति में उनके रिटायरमेंट से पहले फैसला आने की संभावना बढ़ गई है।