इंदौर। नई रेत नीति को लेकर विरोध लगातार जारी है। बुधवार को रेती मंडी व्यापारी वेलफेयर एसोसिएशन समिति से जुड़े सदस्यों ने कलेक्टोरेट में प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपा।व्यापारियों ने कहा कि खनिज परिवहन का काम एक कंपनी को दिया जाने से प्रदेश के हजारों ट्रक व्यापारी, ड्राइवर, सप्लायर के साथ मजदूर सहित लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। परिवहन का पूरा नियंत्रण एक कंपनी को देने से मनमानी बढ़ने की संभावना रहेगी। इसी तरह आॅनलाइन बुकिंग सिस्टम भी वर्तमान परिदृश्य के खिलाफ रहेगा। ऐसी कई समस्याओं का पुलिंदा व्यापारियों की ओर से कलेक्टर निशांत वरवड़े को दिया गया। एसडीएम शृंगार श्रीवास्तव ने व्यापारियों से ज्ञापन लिया। बाद में कलेक्टर ने व्यापारियों के संगठन के एक सदस्य को बुलवा कर चर्चा की। प्रदर्शन के दौरान प्रमुख रुप से मोहन शर्मा, विकास जैन, रणजीत गुर्जर, मनीष अजमेरा सहित अन्य व्यापारी मौजूद थे।रोक हटाने की मांग पर जोरव्यापारियों ने सर्वाधिक जोर नर्मदा से रेत खनन पर लगे प्रतिबंध को हटाने पर दिया।। उनका कहना है कि जब से प्रतिबंध लगा है, तब से व्यापार पूरी तरह से बंद हो गया है। इस दौरान उन्होंने जीएसटी और रेरा कानून के कारण आ रही समस्याओं से भी कलेक्टर को अवगत कराया। उधर कलेक्टर ने कहा कि व्यापारियों की ओर से ज्ञापन दिया गया है। उनके द्वारा रखे गए प्रस्तावों के बारो में कोई भी निर्णय शासन स्तर पर ही संभव है।
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