मुंबई। महानगर मुंबई के हर थाने में पॉक्सो सेल का गठन किया गया है। नाबालिग यौन अपराधों की जांच अब यही सेल करेगा। अब तक पॉक्सो से जुड़े मामलों की एफआईआर पुलिस थाने में ही दर्ज की जा रही थी और जांच भी अन्य आपराधिक मामलों के समान ही की जा रही थी। पॉक्सो का मतलब है- लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम। यह कानून 2012 में बनाया गया था। पॉक्सो सेल का प्रभारी क्राइम इंस्पेक्टर को बनाया गया है। सेल में चार अधिकारी और चार सिपाही तैनात किए गए हैं। इनमें महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। मुकदमे से लेकर फैसले तक सभी मामले अब इसी सेल के कर्मचारी फॉलो करेंगे।
एक और नया प्रयोग
मुंबई पुलिस ने एक और महत्वपूर्ण प्रयोग शुरू किया है। जब भी कोई पीड़ित थाने में एफआईआर दर्ज कराने जाएगा तो एफआईआर दर्ज करने के बाद उसकी सूचना पीड़ित व्यक्ति को उसके मोबाइल पर एसएमएस से भी दी जाएगी। जब आरोपी गिरफ्तार होगा, जब केस में चार्जशीट दाखिल होगी और यदि जांच अधिकारी का ट्रांसफर हो गया और उसकी जगह नया अधिकारी आया तो ऐसी सभी सूचनाएं भी एफआईआर कराने वाले को एसएमएस से नियमित दी जाती रहेंगी।
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