इंदौर। केंद्र के दो विभाग, प्रदेश और केंद्र में भाजपा की सरकार फिर भी एक गुत्थी कई वर्षों से नहीं सुलझ पा रही है या जानबूझ कर सुलझाने की कोशिश नहीं की जा रही है यह समझ से परे है। यह मामला है महू में ब्रॉडगेज स्टेशन के लिए अतिरिक्त जमीन का। जमीन रेलवे को चाहिए और जमीन देना है रक्षा संपदा विभाग व कैंट को। आठ सालों से फाइलें महू से दिल्ली के बीच दौड़ रही हैं लेकिन फाइलों को अब तक कहीं ठिकाना नहीं मिल रहा है। इंदौर से महू के बीच ब्रॉडगेज लाइन बिछाई जाने के बाद ट्रेनों का संचालन शुरू हुए एक वर्ष से अधिक समय हो चुका है लेकिन महू में 24 कोच की ट्रेन के लिए ब्रॉडगेज स्टेशन बनाने हेतु जमीन नहीं मिल रही है।
ब्रॉडगेज स्टेशन के लिए पर्याप्त जगह नहीं होने से अधिक कोच की ट्रेनें महू नहीं पहुंच पा रही हैं। वहां 24 कोचों की ट्रेनों के लिए प्लेटफॉर्म नहीं है, लूप लाइनें नहीं है। जमीन समय पर मिल जाती तो अब तक ब्रॉडगेज स्टेशन का विस्तार कर सभी सुविधाएं जुटा ली जातीं लेकिन किसी भी स्तर पर कोई सार्थक पहल नजर नहीं आ रही है। वर्तमान में ब्रॉडगेज लाइन पर महू से इंदौर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा और रीवा तक डीएमयू ट्रेनों का संचालन हो रहा है। ट्रेक भी सिंगल ही है। रेलवे करीब आठ सालों से जमीन की मांग कर रहा है। इसी वर्ष 23 जनवरी को पश्चिम रेलवे के चीफ इंजीनियर (कंस्ट्रक्शन) केएल गुप्ता और रक्षा संपदा विभाग के डीजी अजय शर्मा के बीच बैठक भी हुई थी। रेलवे ने महू के कोदरिया में विस्थापितों के लिए 1 हजार वर्गमीटर जमीन देने का वादा रक्षा संपदा विभाग से किया था। ब्रॉडगेज स्टेशन के लिए जिस जमीन का अधिग्रहण किया जाना है वहां 26 मकान बने हुए हैं। रेलवे द्वारा जमीन का आॅफर देने के बाद रक्षा संपदा विभाग ने इसे अपर्याप्त बताते हुए 1 की बजाए 2 हजार वर्गमीटर जमीन की मांग की है। बस एक बार फिर मामला अटक गया और पूरा साल गुजरने आ गया लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं हो पाया। आठ साल से इसी तरह छोटे-छोटे मसलों पर फाइलें अटकती आ रही हैं। पहले रेल विभाग के अधिकारी यह कह रहे थे कि रक्षा संपदा विभाग और कैंट जमीन देने को तैयार नहीं हैं इस कारण ब्रॉडगेज स्टेशन का विस्तार नहीं हो पा रहा है। अब रक्षा संपदा विभाग और कैंट के अधिकारी कह रहे हैं कि वे जमीन देने को तैयार हैं लेकिन रेलवे विस्थापितों के लिए पर्याप्त जमीन नहीं दे रहा है। जब तक ब्रॉडगेज स्टेशन का विस्तार नहीं होगा और वहां पर्याप्त सुविधाएं नहीं जुटाई जातीं तब तक महू से 24 कोचों की ट्रेनों का संचालन शुरू नहीं हो पाएगा अर्थात लंबी दूरी की ट्रेनें महू तक नहीं जा सकेंगी। महू में सुविधा मिलने पर इंदौर स्टेशन का लोड कम होगा लेकिन उक्त मसला हल होने में कितना समय और लगेगा यह किसी को नहीं पता।
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