भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने विधानसभा चुनाव के पहले नया दांव खेला है। साधु-संतों को लुभाने के लिए पांच संतों को राज्यमंत्री का दर्जा देने की घोषणा की है और इस घोषणा के साथ ही इस मामले में विवाद शुरू हो गया है।
विपक्षी दल कांग्रेस सरकार के इस कदम को इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़कर देख रही है। जिन्हें राज्यमंत्री का दर्ज दिया गया है उनमें संतश्री भय्यू महाराज, नर्मदानंद महाराज, हरिहरनंद महाराज, कम्प्यूटर बाबा, और पंडित योगेंद्र महंत शामिल हैं। कम्प्यूटर बाबा ने अन्य संतों के साथ मिल कर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली थी। उन्होंने अप्रैल माह में नर्मदा घोटाला यात्रा निकालने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने गत वर्ष नर्मदा यात्रा की थी जिस पर करोड़ों रुपए खर्च हुए थे। संतों ने कहा था कि जहां-जहां मुख्यमंत्री नर्मदा यात्रा के दौरान गए थे वहां-वहां नर्मदा घोटाला यात्रा निकाल कर आम लोगों को घोटाले की जानकारी दी जाएगी। हाल ही में मुख्यमंत्री ने भोपाल में बैठक आयोजित कर इन संतों को राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया। पंडित योगेंद्र महंत के अनुसार सरकार द्वारा राज्यमंत्री के पद के साथ सभी तरह की सुविधाएं भी दी जाएंगी।