मुंबई। पत्नी से प्रताड़ित मुंबई के एक बिजनेसमैन को हाईकोर्ट से राहत मिली है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बिजनेसमैन के पक्ष में तलाक का निर्णय देते हुए पत्नी को आदेश दिया कि वह पति को 50 हजार रुपए मुआवजा दे।
बिजनेनमैन ने हाई कोर्ट में दायर याचिका में जानकारी दी थी कि पत्नी ने उसके अलावा परिवार के सदस्यों के खिलाफ भी कई केस दर्ज कराए। कैंसर पीड़ित सास पर हमला किया। देवर के खिलाफ छेड़छाड़ का दर्ज कराया। कोर्ट ने इन आरोपों की जांच कराई और सही तथ्य सामने आने पर कोर्ट ने इसे क्रूरता करार दिया। जस्टिस कमलकिशोर और जस्टिस बुर्गेस कोलाबावाला ने इसे हिंदू मैरिज एक्ट के तहत क्रूरता माना और इस आधार पर पीड़ित पति को तलाक का हकदार बताया। बिजनेसमैन पति ने अदालत में कहा कि 10 साल की शादी के दौरान पत्नी ने उसे और परिवार को प्रताड़ित किया। इससे उसके और परिवार के सम्मान को ठेस पहुंची।
हाई कोर्ट ने फैसले में कहा कि एफआईआर में कोई वास्तविक तथ्य नहीं था। कोर्ट ने पाया कि महिला ने पति और परिवार की छवि खराब करने के इरादे से शिकायत दर्ज कराई थी। इसे क्रूरता के बराबर माना जाएगा। हाई कोर्ट ने फैमिली कोर्ट द्वारा तलाक की याचिका खारिज करने और पति को 15 हजार रुपए मासिक भत्ते के रूप में पत्नी को देने वाले निर्णय को नकार दिया। हाई कोर्ट ने दंपति के बेटे के लिए मासिक भत्ते के आदेश को बरकरार रखा।¸f