लखनऊ। उत्तरप्रदेश के बदायूं में दलित से मारपीट करने और मूंछे उखाड़ने के मामले में कार्रवाई नहीं करना पुलिस इंस्पेक्टर को भारी पड़ गया। एससीएसटी आयोग ने इस मामले में सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए इंस्पेक्टर के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए। इसके बाद सीओ दातागंज एसके सिंह ने इंस्पेक्टर राजेश कुमार कश्यप के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा- चार के तहत हजरतपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। इसी प्रकरण में एक सप्ताह पूर्व इंस्पेक्टर को सस्पेंड भी किया जा चुका है।
पुलिस के अनुसार हजरतपुर थानाक्षेत्र स्थित आजमपुर बिचौरिया गांव के निवासी सीताराम ने 23 अप्रैल को सवर्ण पक्ष के चार लोगों के खिलाफ थाने में शिकायत की थी। उसने पुलिस को बताया था कि चारों लोगों ने उसे पेड़ से बांध कर पीटा और उसकी मूंछें उखाड़ दीं लेकिन पुलिस ने उसका मेडिकल परीक्षण नहीं कराया और न ही मुकदमा दर्ज किया। अगले दिन 24 अप्रैल को दरोगा अर्जुन सिंह ने शिकायतकर्ता सीताराम को ही गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद उसका वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो देखने के बाद आईजी डीके ठाकुर ने गांव और थाने जाकर सभी के बयान लिए थे। आईजी ने एससीएसटी आयोग और शासन को जांच रिपोर्ट भेजी थी। आईजी की जांच रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुये एससीएसटी आयोग दिल्ली के अध्यक्ष रामशंकर कठेरिया ने इंस्पेक्टर के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था।