बिजली का बिल देख खुदकुशी कर ली

औरंगाबाद। बिजली विभाग के कर्मचारियों की गलती के कारण एक परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। बिजली विभाग ने एक सब्जी विक्रेता को 8 लाख 6 हजार रुपए का बिल भेज दिया। साथ ही उसे धमकाया कि यदि बिल जमा नहीं किया तो मकान कब्जे में ले लिया जाएगा। घबरा कर सब्जी विक्रेता ने खुदकुशी कर ली। अब बिजली विभाग के अधिकारी कह रहे हैं कि कर्मचारी की गलती के कारण अधिक राशि का बिल जारी हो गया था।
घटना महराष्ट्र के औरंगाबाद की है। सब्जी विक्रेता जगन्नाथ शेलके (40 वर्ष) को बिजली विभाग ने अप्रैल माह का 8 लाख 6 हजार रुपए का बिल भेजा। जगन्नाथ का परिवार टिन की छत वाले दो कमरों में रहता है। बिल में 55 हजार 519 यूनिट बिजली की खपत बताई गई थी। परिजनों के अनुसार जगन्नाथ ने बिजली विभाग के कर्मचारियों से बिल ज्यादा आने को लेकर गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं होने पर घबरा कर उसने गुरुवार को फांसी लगा कर जान दे दी। परिवार में कमाने वाला वह अकेला सदस्य था। उसकी मौत के बाद परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। जब मामला गरमाया तो बिजली विभाग के अधिकारी मैदान में आए। महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अधिकारियों ने बिल जारी करने वाले क्लर्क को सस्पेंड कर दिया। अधिकारियों का कहना है कि क्लर्क ने मीटर रीडिंग गलत लिख दी थी इस कारण बिल ज्यादा राशि का बन गया। उधर पुलिस का कहना है कि जगन्नाथ की खुदकुशी के मामले में केस दर्ज कर जांच शुरु कर दी गई है। जगन्नाथ के परिजनों ने पुलिस को ज्ञापन देकर बिजली कंपनी के दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध केस दर्ज करने की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया है कि बिजली कंपनी के कर्मचारियों और अधिकारियों ने जगन्नाथ को धमकाया था कि यदि बिल जमा नहीं किया तो बिजली कंपनी उसका घर अपने कब्जे में ले लेगी। इस कारण जगन्नाथ मानसिक रूप से परेशान हो गया था और उसने खुदकुशी कर ली।