कोझिकोड। केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस से 16 लोगों की मौत हो चुकी है। कई अन्य लोगों की जान भी खतरे में है और उनका इलाज जारी है। प्रदेश सरकार ने खतरनाक निपाह वायरस को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। इस वायरस के उपचार की कोई दवाई नहीं है और यह लाइलाज है।
विशेषज्ञों के अनुसार फिलहाल वायरस का प्रभाव केरल में है। इससे पहले वर्ष 2001 और 2007 में पश्चिम बंगाल में इस वायरस के कारण 50 लोगों की मौत हुई थी। डॉक्टरों का कहना है कि चमगादड़ किसी फल पर चोंच मारता है या उसे खाता है तो निपाह वायरस उस फल में आ जाता है। वायरस वाला फल मार्केट में आने के बाद लोगों के घर तक पहुंच सकता है। इस तरह के फलों को खाने वाले वायरस की चपेट में आ सकते हैं। चमगादड़ के अलावा सुअर भी इस वायरस को फैला सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति इस वायरस से पीड़ित है तो उसके संपर्क में आने वाले अन्य व्यक्ति भी संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं। इसलिए पीड़ित व्यक्ति से लोगों को दूर रहने के लिए कहा गया है।
कोझिकोड में वायरस का प्रकोप होने के बाद कई गांव खाली हो चुके हैं। लोग घरों पर ताला लगाकर अन्यत्र चले गए हैं। डॉक्टरों ने बताया कि वायरस प्रभावित व्यक्ति को धुंधला दिखाई देने लगता है, चक्कर आते हैं, सिरदर्द शुरू हो जाता है और तेज बुखार आता है। इन लक्षणों के बाद अगले 48 घंटों में वह कोमा में चला जाता है और उसकी मौत हो जाती है।