लखनऊ। उत्तरप्रदेश के फैजाबाद जिले के डीएम (डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट अर्थात जिला कलेक्टर) इन दिनों एक बार फिर चर्चा में हैं। करीब एक माह पूर्व जब वे अपने निवास से आॅफिस की ओर जा रहे थे तभी उनकी नजर सड़क किनारे घायल पड़ी वृद्ध महिला पर पड़ी। उन्होंने गाड़ी रुकवाई और महिला को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। वहां उसे उपचार के लिए भर्ती कराया। उन्होंने एक माह से अधिक समय तक महिला की अस्पताल में सेवा भी की। महिला का जबड़ा टूट गया था। उसकी सर्जरी के लिए डीएम श्री पाठक ने लखनऊ से सर्जन बुलवा कर उसका आॅपरेशन कराया। उन्होंने पूरे उत्तरप्रदेश में महिला की गुमशुदगी की जानकारी तलाश कराई लेकिन कहीं से भी उसके परिजनों की जानकारी नहीं मिल सकी। उपचार के दौरान गत दिवस महिला की मृत्यु हो गई। महिला की अंत्येष्टि के लिए कोई रिश्तेदार नहीं मिला तो अधिकारियों ने उसे लावारिस मान कर उसकी अंत्येष्टि कराने का निर्णय लिया लेकिन यहां भी डीएम श्री पाठक आगे आए और महिला की अंत्येष्टि लावारिस महिला के रूप में नहीं करने दी। उन्होंने पूरे हिंदू रीति-रिवाज के साथ स्वयं के हाथों से महिला की अंत्येष्टि की और उसके बाद के कर्मकांड भी पूरे किए। बाद में जब मीडिया को इसकी जानकारी लगी तब यह वाकया जनता के सामने आया। मीडिया ने जब डीएम से चर्चा की तो उन्होंने यही कहा कि महिला एक माह तक अस्पताल में रही लेकिन उसके रिश्तेदारों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी। एक इंसान के तौर पर मेरी जो जिम्मेदारी थी उसे मैने पूरा किया। स्थानीय लोगों के अनुसार डीएम श्री पाठक अंजान, लावारिस और मजबूर लोगों की मदद के लिए मशहूर हो चुके हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि ऐसे लोगों की मदद के बाद वे कभी उसका प्रचार प्रसार नहीं करते हैं।