अहमदाबाद। गुजरात क्षेत्र के वसंदा स्टेट के तत्कालीन राजा दिग्विरेंद्रसिंह सोलंकी का 92 वर्ष की आयु में बुधवार को निधन हो गया। उन्होंने वापी के निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे वसंदा स्टेट के 22वें नरेश थे। उनके निधन पर वासंदा में लोगों ने शोकस्वरूप आज कारोबार बंद रखा। देश की आजादी के बाद 562 राजाओं की रियासतों का विलीनीकरण भारत में हुआ था। उस समय भारत में शामिल होने के करार पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले राजाओं में एकमात्र दिग्विरेंद्रसिंह ही अब तक जीवित थे। 10 जून 1948 को उन्होंने करार पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। उनके पिता इंद्रसिंह ने दिग्विरेंद्रसिंह का राज्याभिषेक 12 फरवरी 1948 को किया था। उस समय उनकी आयु मात्र 20 वर्ष थी। उनके राजा बनने के चार महीने बाद ही जून-1948 में राज्य का विलिनीकरण उस समय के मुंबई राज्य में कर दिया गया था। राजपाट चले जाने के बाद भी दिग्विरेंद्रसिंह जनता की सेवा में जुटे रहे। स्थानीय लोगों के अनुसार उन्होंने सादगीपूर्ण तरीके से जीवनयापन किया और जीवनपर्यंत आम लोगों की सेवा में जुटे रहे। उन्होंने लोगों की सेवा के लिए अनेक प्रकल्प संचालित किए। इस कारण उनकी लोकप्रियता बरकरार रही।