कृष्णागिरी। तमिलनाडु के कृष्णागिरी में एक व्यक्ति ने मात्र 2 हजार रुपए का कर्ज चुकाने के लिए अपने दो मासूम बेटों को बेच दिया। शासकीय अधिकारियों और एक गैर शासकीय संगठन के कार्यकर्ताओं ने दोनों बच्चों को ढूंढ निकाला। 6 साल बाद दोनों बच्चे अपनी मां से मिल पाए।
अधिकारियों के अनुसार हाल ही में कृष्णागिरी में 11 वर्ष का एक बालक तालाब किनारे अकेला बैठ कर तैर रही बतखों को निहार रहा था तभी नेशनल आदिवासी सॉलिडेरिटी काउंसिल के एक कार्यकर्ता की नजर उस पर पड़ी। उसने बच्चे के पास बैठ कर उससे पूरी जानकारी ली तब पता चला कि उसका नाम अरुण है। उसके पिता ने उसे बेच दिया था और वह मां से मिलना चाहता है लेकिन उसे पता नहीं है कि मां कहां है। कार्यकर्ता बच्चे को अपने साथ काउंसिल के आॅफिस ले गया। वहां विशेषज्ञों ने उसकी काउंसिल की। उसके द्वारा दी गई जानकारियों के आधार पर उसकी मां को तलाश किया गया। कार्यकर्ताओं ने अधिकारियों की भी मदद ली और अंतत: सभी ने मिल कर बच्चे की मां को खोज निकाला। बच्चे को मां के सुपुर्द किया गया तो दोनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बच्चा 6 साल बाद मां से मिला।
कार्यकर्ताओं ने अरुण की मां वल्ली से बात की तो उन्होंने बताया कि उनका एक और बेटा सेल्वा भी लापता है। उसे भी पिता ने बेच दिया था। वल्ली ने बताया कि उसके पति सरवनन ने एक किसान से 2 हजार रुपए उधार लिए थे। आर्थिक स्थिति बेहद खराब होने के कारण वे कर्ज नहीं चुका पा रहे थे। अंतत: उन्होंने दोनों बेटों को बेच कर कर्ज चुकाया। तीन साल पहले सरवनन की मृत्यु हो गई। उसके बाद वल्ली ने कई जगह अपने बेटों को तलाश किया था लेकिन वे नहीं मिले। महिला द्वारा दी गई जानकारी के बाद काउंसिल के कार्यकर्ताओं ने दूसरे बेटे सेल्वा ढूंढने में अधिकारियों की मदद ली। अलग-अलग टीमें बना कर विभिन्न जिलों में सेल्वा को घर-घर जाकर तलाश किया गया। अंतत: तिरुपट्टूर के एक घर में सेल्वा मिल गया। दोनों बेटे मिलने के बाद मां बेहद खुश है।