लखनऊ। बुलंदशहर में सोमवार को हुई हिंसा के 4 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज को पुलिस ने मुख्य आरोपी बनाया है। पुलिस ने 27 लोगों के विरुद्ध नामजद और 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। गो हत्या को लेकर भड़की हिंसा में लोगों ने पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या कर दी थी। भीड़ ने आगजनी, फायरिंग और पथराव भी किया था।
एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार के अनुसार बुलंदशहर हिंसा की जांच के लिए एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) का गठन किया गया है। जांच में यह पता लगाया जाएगा कि हिंसा क्यों हुई और इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को अकेला छोड़कर पुलिस अधिकारी क्यों भाग गए? एडीजी के मुताबिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला है कि इंस्पेक्टर सुबोध की मौत गोली लगने से हुई। गोली उनकी बांईं आंख के ऊपर लगी और सिर में जा घुसी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पॉइंट 32 बोर के हथियार से गोली चलने की बात सामने आई है।
शहीद इंस्पेक्टर को पुलिस लाइन में अंतिम सलामी दी गई। शव को अंतिम संस्कार के लिए उनके गृह जनपद एटा ले जाया गया। राज्य सरकार ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पत्नी को 40 लाख और माता-पिता को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। सीएम ने दिवंगत इंस्पेक्टर के आश्रित परिवार को असाधारण पेंशन तथा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया। इस बीच परिवार ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने शहीद सुबोध कुमार को पूरा राजकीय सम्मान नहीं दिया।