कोलकाता। बीजेपी द्वारा पश्चिम बंगाल में रथ यात्रा (गणतंत्र बचाओ यात्रा) निकालने को कोलकाता हाई कोर्ट ने मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार ने सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ने का हवाला देकर रथयात्रा को मंजूरी देने से इंकार किया था।
पश्चिम बंगाल सरकार ने बुधवार को कोलकाता हाई कोर्ट से कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द्र में खलल पड़ने का अंदेशा जताने वाली खुफिया रिपोर्ट के आधार पर राज्य में बीजेपी की रथ यात्रा व रैलियों को इजाजत देने से इंकार करने की प्रमुख वजह है। इस पर बीजेपी के वकील एसके कपूर ने कहा कि ममता सरकार द्वारा इजाजत देने से इंकार करना पूर्व निर्धारित था। यात्रा को रोकना का कोई आधार नहीं है। अंग्रेजों के जमाने में महात्मा गांधी ने दांडी मार्च किया और किसी ने उन्हें नहीं रोका लेकिन अब सरकार कहती है कि राजनीतिक रैली निकालने की इजाजत नहीं दी जा सकती जबकि संविधान यह अधिकार देता है।
बीजेपी ने गणतंत्र बचाओ यात्रा की तीन तारीखें पहले ही निर्धारित कर ली हैं। 22 दिसंबर को कूच बिहार से, 24 को दक्षिण चौबीस परगना जिले के काकद्वीप से और 26 दिसंबर को बीरभूम जिले के तारापीठ से यात्रा निकलेगी।