लखनऊ। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन की अधिकृत घोषणा आज हो गई। इस गठबंधन को को लेकर न केवल यूपी बल्कि पूरे देश की सियासत गरमाई हुई है। बसपा अध्यक्ष मायावती व सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सपा-बसपा गठबंधन की जानकारी दी। दोनों दलों के वरिष्ठ नेता इस अवसर पर मौजूद थे। दोनों दलों ने 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की। अमेठी और रायबरेली सीट कांग्रेस के लिए छोड़ी जाएगी। अखिलेश यादव ने कहा कि यह महागठबंधन लोकसभा चुनाव में भारी जीत दर्ज करेगा।
उत्तरप्रदेश में सपा और बसपा के बीच गठबंधन की घोषणा की संभावना की पृष्ठभूमि में कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि समान विचार वाले सभी दलों का उद्देश्य देश से कुशासन और तानाशाही को खत्म करना है लेकिन सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य में कांग्रेस की किसी भी तरह उपेक्षा करना राजनीतिक रूप से खतरनाक भूल होगी। मायावती और अखिलेश की पार्टी के बीच हो रही दोस्ती के केंद्र में मुस्लिम वोट बैंक है। लोकसभा चुनाव के दौरान इस वोट बैंक में दोनों ही दल बिखराव नहीं चाहते। मायावती ने कहा- गेस्ट हाउस कांड को किनारे कर देशहित में हम सपा से गठबंधन कर रहे हैं। उत्तरप्रदेश के अगले विधानसभा चुनाव में भी यह गठबंधन कायम रहेगा। हमारा गठबंधन गुरु-चेले मोदी-अमित शाह की नींद उड़ा देगा। सपा-बसपा के बीच 26 साल बाद गठबंधन हुआ है। 1993 से 1995 तक उप्र में दोनों दलों की गठबंधन सरकार थी