अहमदाबाद। साइबर क्राइम तेजी से बढ़ता जा रहा है। अपराधियों के हौंसले इतने बुलंद हो गए है कि उन्होंने आईजी की पत्नी के बैंक खाते पर भी हाथ साफ कर दिया। सूरत के आईजी राजकुमार पांडियान की पत्नी डॉॅ. शालिनी के बैंक खाते से 1 लाख 37 हजार रुपए साइबर अपराधियों ने निकाल लिए।
पुलिस के अनुसार अपराधियों ने डॉॅ. शालिनी पांडियान के बैंक खाते की डिटेल और ओटीपी नंबर हासिल कर खाते से रुपए निकाले। साइबर सेल ने इसके लिए बैंकों को जिम्मेदार बताते हुए बैंक प्रबंधन को पत्र भेजा है। जिसमें साइबर सेल ने कहा है कि बैंक सिर्फ ओटीपी वेरिफिकेशन करके ही ट्रांजक्शन प्रक्रिया को आगे न बढ़ाएं बल्कि कस्टमर्स को फोन कर यह भी पूछें कि वे ट्रांजेक्शन की प्रकिया को आगे बढ़ाना चाहते हैं या नहीं। इससे जालसाजों की योजना को असफल किया जा सकता है।
साइबर सेल के अधिकारियों ने बताया कि डॉ. शालिनी ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई है। जिसमें जानकारी दी गई है कि वे 27 मार्च को एक सैलून में गई थीं। वहां की सर्विस से संतुष्ट नहीं होने पर उन्होंने अपने पैसे वापस मांगे। इसके लिए उन्होंने आॅनलाइन कंप्लेन फॉर्म की तलाश की तो उन्हें गूगल पर एक लिंक मिला। उन्होंने इस लिंक को ओपन कर शिकायत दर्ज करा दी। ईमेल आईडी सहित अन्य जानकारी देते हुए फॉर्म सबमिट कर दिया। उसी दिन शाम को डॉॅ. शालिनी के पास एक युवक का फोन आया। उसने खुद को सैलून का कर्मचारी बताते हुए अपना नाम राहुल सक्सेना बताया। उसने कहा कि असुविधा के लिए मैं माफी मांगता हूँ। सैलून में आपके द्वारा भुगतान किए गए 3 हजार रुपए वापस करने के साथ ही आपको हुई परेशानी के लिए मुआवजे के रूप में 10 हजार रुपए भी दिए जाएंगे। राहूल ने कहा कि उसकी कंपनी कैश या वाउचर के रूप में उन्हें पैसा नहीं दे पाएगी इसलिए वे अपने बैंक खाते का डिटेल भेज दें।
साइबर सेल के अनुसार एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर डॉॅ. शालिनी युवक के झांसे में आ गईं। थोड़ी ही देर में उनके मोबाइल पर एक के बाद एक चार ओटीपी नंबर आए। अगले दिन 1 मार्च को राहूल ने दोबारा डॉॅ. शालिनी को फोन किया और बताया कि उन्हें सैलून की तरफ से 13 हजार रुपए मिल गए हैं, इसलिए वह उन्हें ओटीपी नंबर बता दें ताकि यह पैसा उनके बैंक खाते में ट्रांसफर किया जा सके। डॉॅ. शालिनी ने तुरंत उसे ओटीपी नंबर दे दिया। थोड़ी ही देर बाद उनके खाते से 1 लाख 37 हजार रुपए निकलने का मैसेज आ गया। साइबर सेल ने दावा किया कि अपराधियों को शीघ्र ही पकड़ लिया जाएगा।