ऋषिकेष। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में ड्राइवर ने अपनी सूझबूझ से यात्रियों से भरी एक बस को बड़े हादसे का शिकार होने से बचा लिया। बस में गुजरात के सूरत से आए 30 यात्री सवार थे। वे गंगोत्री धाम के दर्शन कर वापस सूरत जा रहे थे। इसी दौरान ड्राइवर को हार्ट अटैक आया। ड्राइवर ने बेहोश होने के पहले बस को सुरक्षित स्थान पर रोक लिया। हार्ट अटैक से ड्राइवर की मृत्यु हो गई। यदि उन्होंने बस को नहीं रोका होता तो बस हजारों फीट गहरी खाई में जा गिरती और कोई भी यात्री सुरक्षित नहीं बचता।
पुलिस के अनुसार गंगोत्री धाम की यात्रा के लिए सूरत के 30 यात्री उत्तराखंड आए थे। गंगोत्री दर्शन के बाद वे सूरत के लिए रवाना हुए। ड्राइवर भरत पंवार निवासी ऋषिकेश बस चला रहा था। पहाड़ों से नीचे आने के दौरान ग्राम भटवाड़ी के निकट ड्राइवर की तबियत अचानक खराब होने लगी। वह बेहोश होने लगा लेकिन इस दौरान भी उन्होंने यात्रियों की सुरक्षा का ध्यान रखा और तुरंत बस को सुरक्षित स्थान पर किनारे पर रोक लिया। बस रुकते ही ड्राइवर भरत बेहोश होकर सीट पर ही लुढ़क गए। कंडक्टर ने यात्रियों की मदद से उन्हें ग्राम भटवाड़ी के स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। जहां डाक्टर ने जांच के बाद ड्राइवर भरत को मृत घोषित कर दिया। यह सुन कर यात्री हतप्रभ रह गए। यात्रियों ने बताया कि यदि भरत बस को रोकने में कुछ सेकंड की देर भी कर देते तो बस हजारों फीट गहरी खाई में जा गिरती और कोई भी यात्री सुरक्षित नहीं बचता। भरत ने खुद मौत के मुंह में जाते-जाते भी सभी यात्रियों की जिंदगी बचा ली। स्वास्थ्य केंद्र से भरत के परिजनों और पुलिस को सूचना दी गई। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।