लखनऊ। औषधि सुरक्षा विभाग और पुलिस ने आगरा के निबोहरा इलाके से करीब 7 लाख रुपए मूल्य की नकली ऐंटीबायॉटिक के करीब 10 हजार वायल बरामद किए हैं। चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों का कहना है कि वे पिछले करीब 5 सालों से यह धंधा कर रहे हैं।
औषधि विभाग को मुखबिर से सूचना मिली थी कि इस धंधे में लिप्त कुछ लोग कार से निबोहरा क्षेत्र से भारी मात्रा में नकली दवाईयां लेकर कहीं जाने वाले हैं। औषधि विभाग के अधिकारियों ने पुलिस की मदद से घेराबंदी की और वहां से गुजर रही कारों की चेकिंग की। एक कार से ऐमिकासिन के 9 हजार 924 इंजेक्शन मिले। बाजार में 2 एम.एल. के इंजेक्शन की कीमत 95 रुपए है। कार में सवार चारों लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उनसे पूछताछ की जा रही है। औषधि विभाग के अनुसार मुख्य आरोपी का नाम रामहरि पिता प्रमोद कुमार है। वह निबोहरा के शहदपुर का निवासी है। उसके साथ पकड़े गए तीन अन्य आरोपियों के नाम हैं- शीतल शर्मा, संतोष और अभिमन्यु चौहान। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे पिछले 5 सालों से यह धंधा कर रहे हैं। नकली दवाईयों के अवैध धंधे में उन्हें भारी मुनाफा होता है। वे यह दवाईयां आगरा और राजस्थान में बेचते हैं। पुलिस ने औषधि विभाग की शिकायत पर आरोपियों के विरुद्ध आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। इनके साथियों की तलाश जारी है। राजस्थान और आगरा में आरोपियों से खरीदी गई दवाईयां बेचने वाले व्यवसाइयों को भी गिरफ्तार किया जाएगा।