इंदौर। सानंद न्यास द्वारा संस्कृति जतन प्रयास के तहत आजी-आजोबा के लिए गोष्ट सांगा प्रतियोगिता शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सफलतापूर्वक आयोजित की गई। प्रतियोगिता का फाइनल 23 जून को होगा।
क्षेत्रवार गोष्ट सांगा प्रतियोगिता का आयोजन 33 स्थानों पर हुआ। सभी सहभागियों में से प्रथम, द्वितीय, तृतीय विजेता घोषित किए गए। 2 जून को सरस्वती शिशु मंदिर खातीवाला टैंक में पांच समूहों में हुए सेमीफाइनल के 15 विजेताओं का फाइनल 23 जून को जाल सभागृह शाम 6.30 बजे से होगा। सानंद न्यास के अध्यक्ष श्री सुधाकर काळे, मानद सचिव श्री जयंत भिसे एवं स्पर्धा संयोजक सौ. रेणुका पिंगळे ने बताया कि फाइनल में विजेताओं के कहानी सुनाने के तरीके और हावभाव में सुधार हो सके इसके लिए न्यास की ओर से मार्गदर्शक (मेंटर) भी मनोनीत किए गए हैं। कार्यक्रम में सभी प्राथमिक, उपांत्य फेरी के निर्णायक एवं समन्वयक का सम्मान भी किया जाएगा। दादा-दादी द्वारा संस्कारित करने वाली और व्यक्तित्व गढ़ने वाली कहानियां सुनाने की परंपरा अब जाने कहां गुम हो चुकी है। संयोजक रेणुका पिंगले के अनुसार सानंद ने अपने सामाजिक दायित्व का निर्वाह करते हुए इसी परंपरा को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से आजी-आजोबा की गोष्ट सांगा प्रतियोगिता का क्षेत्रवार आयोजन किया। माता-पिता को आजी-आजोबा से कहानियां सुन अपना बचपन याद आ गया वहीं बच्चों की ओर से इतनी सराहना मिली कि आयोजन का उद्देश्य सार्थक हो गया। अंतिम फेरी का आयोजन 23 जून रविवार को जाल सभागृह में शाम 6.30 बजे से प्रारंभ होगा। जिसमें कहानियां सुनने के लिए सभी श्रोताओं को नि:शुल्क एवं खुला निमंत्रण दिया गया है।