नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी विवाद के मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दे दिया है। कोर्ट ने बुधवार शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया है। विधायकों की शपथ के बाद तुरंत फ्लोर टेस्ट कराया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा है कि फिलहाल यह अंतरिम आदेश है।
कानून विशेषज्ञों के अनुसार अंतरिम आदेश का मतलब यह है कि आने वाले दिनों में भी कोर्ट इस मसले पर सुनवाई कर सकती है। कोर्ट ने आदेश में कहा है कि फ्लोर टेस्ट से पहले स्पीकर का चुनाव नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि परम्परा के अनुसार सबसे वरिष्ठ विधायक ही प्रोटेम स्पीकर होता है। बुधवार को शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट पूरा हो जाना चाहिए। इसके पहले विधायकों को प्रोटेम स्पीकर शपथ दिलाएंगे। शपथ की प्रक्रिया पूरी होने के तुरंत बाद बहुमत परीक्षण कराया जाए। महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया का लाइव प्रसारण करने और पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग करने के आदेश भी दिए गए हैं। फ्लोर टेस्ट के दौरान गुप्त मतदान नहीं होगा। अंतरिम आदेश देते हुए जस्टिस रमन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि विधायिका और न्यायपालिका के अलग-अलग क्षेत्रों का सम्मान किया जाना चाहिए। कोर्ट को आखिरी विकल्प के तौर पर ही ऐसे मामले में दखल देना चाहिए। महाराष्ट्र भी एक ऐसा ही मामला है। महाराष्ट्र में एक महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है और विधायकों ने अब तक शपथ भी नहीं ली है। सरकार बनाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त न हो, इसके लिए यह आवश्यक है कि अंतरिम आदेश दिया जाए।