लंदन। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने खुलासा किया है कि इराक इस्लामिक स्टेट के जिहादियों के साथ कथित संपर्क रखने के आरोप में महिलाओं और बच्चों को सामूहिक सजा दे रहा है जिसमें यौन उत्पीड़न भी शामिल है। अपनी नई रिपोर्ट में निगरानी समूह ने हिंसा से विस्थापित लोगों के लिए आठ शिविरों में सुरक्षा बलों, शिविर प्रशासकों और स्थानीय अधिकारियों द्वारा महिला और बच्चों के खिलाफ बड़े पैमाने पर भेदभाव को उजागर किया है। एमनेस्टी के पश्चिम एशिया के शोध निदेशक एल मालॉफ ने कहा कि इराक में महिलाओं और बच्चों को आईएस के साथ संपर्क रखने के आरोप में ऐसे अपराध की सजा दी जा रही है जो उन्होंने किया ही नहीं है। उन्होंने कहा कि वे शिविरों में बंद हैं, उनका बहिष्कार किया गया है और खाना, पानी और अन्य चीजों से महरूम रखा गया है। इस अपमानजनक सामूहिक सजा का भविष्य में हिंसा के रास्ते पर बढ़ने का खतरा है। संयुक्त राष्ट्र ने फरवरी में कहा था कि 25 लाख लोग अब भी विस्थापित हैं।