मुंबई। टाटा मोटर्स के जमशेदपुर स्थित प्लांट के 4 हजार अस्थायी कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी है। वे बढ़े हुए वेतनमान का भुगतान नहीं किए जाने को लेकर आक्रोशित हैं। कर्मचारियों की यूनियन का कहना है कि हड़ताल से प्लांट में काम ठप हो गया है जबकि कंपनी प्रबंधन का कहना है कि इससे उत्पादन पर कोई असर नहीं पड़ा है। हड़ताल कर रहे कर्मचारियों में 600 महिलाकर्मी भी शामिल हैं। कर्मचारीगण प्लांट के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठ गए हैं। उनकी मांग है कि नए तीन वर्षीय वेतन समझौते के अनुसार वेतन दिया जाए। नए तीन वर्षीय वेतन समझौते पर पिछले माह ही स्थायी कर्मचारी यूनियन के साथ हस्ताक्षर किए गए हैं। यूनियन के एक लीडर ने बताया कि मंगलवार को अस्थायी कर्मचारियों को वेतन का भुगतान किया गया लेकिन पिछले महीने प्रबंधन ने जिस बढ़े हुए वेतनमान को देने वादा किया था, वह नहीं दिया गया। इस कारण अस्थायी कर्मचारियों को काम रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा है। टाटा मोटर्स की ओर से बुधवार देर रात जारी किए गए बयान में कहा गया है कि उत्पादन जारी है। अस्थायी कर्मचारियों का एक वर्ग कुछ लोगों के उकसावे पर प्रदर्शन कर रहा है। ये लोग वेतन में इजाफे पर अतिरिक्त तौर पर स्पष्टीकरण की मांग कर रहे हैं। बता दें कि टाटा मोटर्स के जमशेदपुर स्थित प्लांट में हर महीने 9 हजार से ज्यादा कमर्शियल वाहनों का उत्पादन होता है। तीन शिफ्टों में काम करने वाले इस प्लांट में प्रतिदिन लगभग 300 कारें तैयार की जाती हैं।
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