नई दिल्ली। टाटा ग्रुप वायरलेस बिजनेस बंद करने की तैयारी में है। इसके साथ ही कंपनी का 21 वर्ष के टेलीकॉम सर्विस बिजनेस का सफर समाप्त हो जाएगा। टाटा ग्रुप की टेलीकॉम यूनिट का नाम टाटा टेलीसर्विसेज है। टाटा ग्रुप के 149 साल के इतिहास में यह पहली बड़ी यूनिट है जो बंद होने जा रही है। यह यूनिट 30 हजार करोड़ के घाटे में बताई जा रही है। कंपनी के 4.20 करोड़ कस्टमर्स हैं। अब नए सर्कल में ग्राहक बनाना बंद कर दिया गया है।
इस कंपनी को 1996 में लैंडलाइन आॅपरेशंस के साथ शुरू किया गया था। कंपनी ने 2002 में सीडीएमए आॅपरेशंस शुरू किया और उसके बाद 2008 में उसने जीएसएम टैक्नॉलॉजी को अपनाया। कंपनी को जापान की एनटीटी डोकोमो से 14 हजार करोड़ का निवेश मिला था लेकिन जापानी कंपनी ने 2014 में जॉइंट वेंचर से बाहर निकलने का फैसला लिया। बस यहीं से आर्थिक स्थिति गड़बड़ाने की शुरूआत हुई। टाटा टेलीसर्विसेज का वायरलेस सेगमेंट में मार्केट शेयर 3.5 प्रतिशत है। जुलाई 2017 तक कंपनी के पास 4.20 करोड़ कस्टमर्स थे। कंपनी पर फिलहाल करीब 30 हजार करोड़ का कर्ज है। सेवाएं बंद करने के पहले कस्टमर्स को 30 दिनों को नोटिस देना होगा। कंपनी के कॉल सेंटर से जानकारी मिली है कि कई सर्कल में नए ग्राहक बनाना बंद कर दिया गया है। बिजनेस बंद करने की प्रक्रिया शुरू होने के बाद साठ दिनों में उसे पूरा करना होगा। ग्रुप की एक सब्सिडियरी टाटा टेलीसर्विसेज (महाराष्ट्र) शेयर बाजार में लिस्टेड है। टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के प्रवक्ता ने इस बारे में कोई भी कमेंट करने से इंकार कर दिया है।
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