नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव को अडानी ग्रुप से बड़ा झटका लगा है। बाबा रामदेव रुचि सोया कंपनी को खरीदने वाले थे लेकिन यह सौदा अडानी विल्मर कंपनी के खाते में चला गया। अडानी विल्मर कंपनी 6 हजार करोड़ की बोली के साथ प्रथम स्थान पर रही जबकि 5 हजार 700 करोड़ की बोली के साथ पतंजलि दूसरे स्थान पर रही।
कंपनी रुचि सोया दिवालियापन कानून का सामना कर रही है। इसके कर्जदाताओं की समिति ने 96 प्रतिशत मतदान के साथ अडानी विल्मर की बोली को स्वीकृति दे दी। अडानी ग्रुप और सिंगापुर की कंपनी विल्मर इंटरनेशनल के जॉइंट वेंचर अडानी विल्मर द्वारा रुचि सोया खरीदने के लिए 6 हजार करोड़ रुपए की बोली लगाई गई थी। पतंजलि ने एनसीएलटी की मुंबई शाखा के समक्ष अडानी विल्मर को रुचि सोया बेचने संबंधी निर्णय का विरोध करते हुए आपत्ति दायर की है। पतंजलि की आपत्ति पर 27 अगस्त को सुनवाई होने की संभावना है।
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