मुंबई। इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर को लोन देने वाली कपंनी इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड अब खुद कर्ज नहीं चुका पा रही है। कंपनी ने विभिन्न बैंकों से लोन ले रखा है। लोन चुकाने का असर शीघ्र ही देश के वित्तीय बाजार पर नजर आ सकता है। बताया जा रहा है कि यह राशि 91 हजार करोड़ रुपए है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कंपनी नकदी के संकट से जूझ रही है। पिछले कुछ महीनों से लोन की ईएमआई नहीं चुकाई जा रही है। इस महीने तीसरा मौका था जब कंपनी द्वारा ब्याज नहीं चुकाया गया। इसी माह कंपनी ने स्माल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक आॅफ इंडिया (सिडबी) का 1 हजार करोड़ का लोन भी नहीं चुकाया। कंपनी की ही एक सहायक कंपनी भी 500 करोड़ का लोन नहीं चुका पाई। अगले छह महीनों में कंपनी को 3600 करोड़ का लोन चुकाना है। कंपनी के सीईओ रमेश सी. बावा तथा कुछ बोर्ड सदस्यों ने इस संकट के बीच इस्तीफा दे दिया। उनके अलावा स्वतंत्र निदेशकों के साथ ही गैर-कार्यकारी निदेशक ने भी इस्तीफा दे दिया। चर्चा यह है कि कंपनी को इस संकट से उबारने के लिए एलआईसी से मदद दिलाई जाएगी।