संजय लीला भंसाली ने कहा कि पद्मावत को दर्शकों से मिली शानदार प्रतिक्रिया ही इस फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों के लिए उनका जवाब है। फिल्म की रिलीज को लेकर जिस परेशानी का उन्हें सामना करना पड़ा उसके बारे में आखिरकार अपना पक्ष रखते हुए निर्देशक ने कहा कि वह बहुत परेशान हुए हालांकि इस पूरे घटनाक्रम पर कोई प्रतिक्रिया देने के बजाए उन्होंने पूरा ध्यान अच्छी से अच्छी फिल्म बनाने पर दिया। देशभर में करणी सेना के नेतृत्व में राजपूत समुदायों के प्रदर्शनों का सामना करने के बाद े रिलीज हुई फिल्म 'पद्मावत' एक ब्लॉकबस्टर बन चुकी है। भंसाली ने इसे अपने जीवन की 'सबसे ज्यादा व्याकुल रिलीज' बताया। उन्होंने कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि इतनी परेशानियों के बावजूद अंतत: फिल्म थियेटरों तक पहुंच पाई।
भंसाली ने कहा, 'यह उस व्यथा का जवाब है जिससे हम सब, मैं, अभिनेता और तकनीशियन गुजरे हैं। हममें से किसी को भी नहीं सुना गया जबकि हमने बार-बार कहा कि फिल्म में कुछ भी गलत नहीं है। मैंने महसूस किया कि आगे बढ़ने और इससे लड़ने का सबसे अच्छा तरीका है ऐसी फिल्म बनाना जो मेरे मस्तिष्क में है।' हालांकि निर्देशक ने यह स्वीकार किया कि फिल्म के इर्दगिर्द की सारी नकारात्मकता से निबटना उनके लिए मानसिक तौर पर बड़ा मुश्किल रहा लेकिन उन्होंने इसे पर्दे पर नहीं आने दिया। उन्होंने कहा, 'मैं जानता था कि मैं परेशान हूं, भ्रमित हूं लेकिन कहीं गहरे में मैंने फिल्म को बनाने की ताकत जुटा ली और इस मनोव्यथा और परेशानी को पर्दे पर नहीं आने दिया।
निर्देशक ने कहा कि उन्हें और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को मिली धमकियों की थाह लेना उनके लिए मुश्किल था । उन्होंने मुंबई पुलिस का उन्हें तथा कलाकारों को सुरक्षा देने के लिए आभार प्रकट किया। भंसाली ने कहा कि चार राज्यों में रिलीज नहीं होने के बावजूद फिल्म का बॉक्स आॅफिस प्रदर्शन अच्छा है, इससे यह साबित होता है कि लोग इसे देखने के लिए कितने बेताब हैं।