इंदौर। शहर में यातायात पुलिस चाहे जितनी सख्ती कर ले शहर से बाहर जाने वाली बसें जो रेडिसन चौराहे से निकलती हैं उन्होंने नियम तोड़ना फिर आरंभ कर दिया है। रेडिसन चौराहे पर खूब प्रयोग हुए और प्रयोग करने के बाद यह तय किया गया था यहां पर शहर से बाहर जाने वाली बसों नहीं रुकने दिया जाएगा। जो बसें यहां रुकेंगी उनका पांच हजार रुपए का चालान बनेगा यह बोर्ड भी पुलिस ने लगा दिया। कुछ दिनों तक सब कुछ ठीक रहा परंतु अब फिर से समस्या आने लगी है।
भोपाल जाने वाली प्रत्येक बस अब रेडिसन चौराहे पर रुकने लगी है। इतना ही नहीं टैक्सी चालक भी यहां टैक्सी रोकने लगे हैं। एआईसीटीएसएल की इंदौर-भोपाल सेवा की बसें भी आते समय रेडिसन चौराहे पर रुकने लगी हैं।
यहां से स्टॉप बंद क्यों किया?
रेडिसन चौरोहे से बसों में सफर करने वाले लोगों का कहना था कि यह स्टॉप सुविधाजनक है क्योंकि यहां से शहर के भीतर जाने के लिए सभी साधन उपलब्ध हैं। इसके आगे अगर बसें रोकनी है तब सुविधावाला स्टॉप देने की बात कही गई थी लेकिन अब तक उस वादे पर अमल नहीं हुआ है। अगर इस प्रकार की सुविधा आरंभ हो गई तब बसें थोड़ा आगे भी रुकें तो कोई हर्ज नहीं है। वैसे बसों का स्टॉप यहां से हटाने के पीछे यह बात भी कही जा रही है कि भविष्य में आकार लेने वाली एक बड़ी बहुमंजिला बिल्डिंग के लिए अभी से स्टॉप को हटाया गया है क्योंकि इसके कारण इस बिल्डिंग का प्रवेश वाला हिस्सा बाधित होता।
खैर, इस चौराहे को लेकर बातें बहुत हो गई हैं और थोड़े दिन सख्ती वो भी आम जनता के साथ होने के बाद फिर सामान्य स्थिति हो जाती है तथा टैक्सी वालों से लेकर भोपाल वाली बसें भले ही ट्रैफिक जाम लगातार करती रहें पर कोई बोलने वाला नहीं। आम जनता के लिए जेलनुमा बेरिकेड्स लगाकर चालान बनाने की कार्रवाई की जाती है। ट्रैफिक पुलिस को इस संबंध में विचार करना चाहिए या तो सुविधा वाले स्टॉप बनाए या फिर यहां पर किसी भी बस या टैक्सी को रुकने की अनुमति ही नहीं दी जाए।
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