इंदौर। यदि सब कुछ ठीक रहा तो मनमाड़-इंदौर रेल लाइन के निर्माण का कार्य शीघ्र ही शुरू हो सकता है। इस रेल मार्ग के पूर्ण होने पर इंदौर से मुंबई का सफर जल्दी पूरा होगा। साथ ही इंदौर और आसपास के क्षेत्रों से मालगाड़ियों के माध्यम से मुंबई स्थित बंदरगाह तक सामान भी जल्दी पहुंचाया जा सकेगा। दो सालों से यह योजना रेल बजट में शामिल की जा रही थी। केंद्र ने 12 हजार करोड़ के इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है।
हाल ही में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) नवी मुंबई और कसारा क्षेत्र को भी इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन से जोड़ा जाएगा। इससे जेएनपीटी तक सड़क मार्ग से कंटेनर का परिवहन कम होगा और सड़क पर ट्रैफिक का दबाव घटेगा। गडकरी ने कहा कि इस रेल लाइन का कार्य शीघ्र ही शुरू किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 12 हजार करोड़ की इस योजना के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों की हिस्सेदारी के बदले 6 हजार करोड़ की मंजूरी दी है। इंदौर से मुंबई तक 367 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी। फिलहाल इंदौर से मुंबई के लिए ट्रेन रतलाम होते हुए जाती है। रेलमार्ग बनने पर रतलाम नहीं जाना पड़ेगा। नई रेल लाइन मप्र और महाराष्ट्र के कई ऐसे क्षेत्रों से गुजरेगी जहां फिलहाल इंदौर का रेल मार्ग से कोई कनेक्शन नहीं है। हाई कोर्ट के निर्देश पर मप्र और महाराष्ट्र की राज्य सरकारें रेल मार्ग के लिए नि:शुल्क जमीन उपलब्ध कराएंगी। इसके अलावा निर्माण कार्य में लगने वाली गिट्टी, रेत आदि भी दोनों राज्य सरकारों द्वारा दी जाएगी। रेल लाइन के लिए निजी भूमि का अधिग्रहण करने के लिए मुआवजा राशि भी राज्य सरकारों को ही देना होगी। रेल विभाग के सूत्रों के अनुसर शीघ्र ही निर्माण कार्य के लिए टेंडर जारी होंगे।
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