इंदौर। कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी व 61 कार्यकर्ताओं को सोमवार को आंदोलन के दौरान गिरफ्तार कर जेल भेजने के बाद राजनीति गरमा गई है। मंगलवार को उन्हें कोर्ट के आदेश पर रिहा किया गया। इसके बाद कांग्रेस के सभी नेताओं ने एकजुट होकर कहा है कि 30 जनवरी को महाविरोध किया जाएगा। पटवारी ने महापौर और अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप भी लगाए।
पटवारी की रिहाई के लिए सुबह से ही जिला जेल के बाहर कार्यकर्ताओं और नेताओं का जमावड़ा लगा रहा। वहां भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया था। दोपहर में पटवारी और कार्यकर्ताओं को रिहा किया गया। इसके बाद कांग्रेस के सभी नेताओं ने एकजुट होकर संयुक्त पत्रकार वार्ता में कहा कि अब 30 जनवरी को महाविरोध किया जाएगा। शहर कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद टंडन ने कहा कि प्रशासन पूरी तरह सरकार के इशारे पर कार्य कर रहा है। विधायक पटवारी ने ग्रामीण क्षेत्र की समस्याओं के लिए आंदोलन किया और इस दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लोकतंत्र का हनन किया गया। उन्होंने कहा कि 30 जनवरी को कांग्रेस की हर इकाई जिसमें कांग्रेस पार्षद दल भी शामिल होगा, पूरी ताकत के साथ सड़कों पर उतर कर नगर निगम व जिला प्रशासन की नीतियों की विरोध करेंगे। इस आंदोलन की रूपरेखा शीघ्र ही तैयार की जाएगी। टंडन ने कहा कि प्रदेश सरकार पूरी तरह हड़बड़ा गई है। इसी हड़बड़ाहट में सुरक्षाकर्मी को मुख्यमंत्री ने चांटा मारा है। इदौर कलेक्टर और पूरा प्रशासन लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन कर राज्य सरकार के सामने अपने नंबर बढ़ाने की कोशिश में लगा हुआ है। कांग्रेस नेताओं ने पटवारी और अन्य कार्यकर्ताओं पर लगाई गई धाराओं का भी विरोध किया।
विधायक पटवारी ने इस दौरान कहा कि सभी अधिकारी इंदौर में बने रहना चाहते हैं और इसीलिए वे भाजपा और सरकार की जी हुजूरी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्र्टी उन लोगों की विचारधारा पर चलती है, जिन्होंने बगैर हाथ चलाए अहिंसात्मक तरीके से देश से अंग्रेजों को भगाया है। सूट-बूट वाले अंग्रेज कांग्रेस के लोगों को डरा नहीं सकते। उन्होंने कहा कि प्रशासन से सोमवार को गलती हुई तो वह योग करे, ध्यान करे अैर आकलन करे कि क्या-क्या गलतियां हो रही हैं अन्यथा 11 माह बाद जब प्रदेश में बदलाव होगा तो उन्हें अहसास हो जाएगा कि क्या-क्या गलतियां की थीं। सरकार और प्रशासन जनता के साथ न्याय नहीं कर रहे हैं।
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