हादसे में 74 यात्री घायल, 4 की हालत गंभीर, उत्तरप्रदेश में शनिवार के बाद बुधवार को भी ट्रेन दुर्घटना, पटरियों पर डंपर पलटा, ड्राइवर भाग निकला, रेलवे कंट्रोल रूम को नहीं मिली सूचना, तेज गति से आई ट्रेन डम्पर से टकरा गई इटावा। उत्तरप्रदेश में एक हफ्ते में दूसरा रेल हादसा हो गया। दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर औरैया के पास कैफियत एक्सप्रेस बुधवार तड़के एक डंपर से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। दुर्घटना अछल्दा और पाता रेल्वे स्टेशन के बीच हुई। ट्रेन के 8 डिब्बे पटरी से उतर गए और इनमें से 1 डिब्बा पलट भी गया। हादसे में 74 यात्री घायल हो गए। इनमें से 4 की हालत गंभीर है। दो घायलों को इलााज के लिए इटावा और दो को सैफई भेजा गया है। शेष घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। किसी यात्री की मौत की खार नहीं है। ट्रेन के ड्राइवर आनंद कुमार को सिर पर चोट आई है। अन्य यात्रियों को बस से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। बताया जा रहा है कि जो डंपर ट्रेन से टकराया, वह रेलवे के काम में ही लगा हुआ था। बालू रेत से भरा यह डंपर ट्रैक पर मंगलवार देर रात पलट गया था, लेकिन इसकी सूचना रेलवे अधिकारियों को नहीं दी गई थी। डंपर पलटने के बाद उसका ड्राइवर वहां से फरार हो गया था। रेलवे के किसी स्टाफ ने इसकी सुध नहींर् ली। रात 2.40 बजे कैफियत एक्सप्रेस यहां से गुजरी और डंपर से टकरा गई। रेलवे की लापरवाही एक बार फिर हादसे की वजह बनी। राहत बचाव के काम के लिए एनडीआरएफ एक टीम भी घटनास्थल पर पहुंची है। रेलवे और प्रशासन के कई बड़े अधिकारी भी वहां पहुंच गए हैं।उल्लेखखनीय है कि पिछले शनिवार को पुरी से हरिद्वार जा रही उत्कल एक्सप्रेस मुजफ्फर नगर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। जिसमें 24 लोगोंकी मौत हो गई थी। वहां पटरियों के मेंटेनेंस का कार्य चल रहा था। इस दौरान ट्रेन को रोकने अथवा उसकी गति धीमी करने के लिए कोई संकेतक नहीं लगाया गया था। जैसे ही तेज गति से ट्रेन आती दिखी मेंटेनेंस का कार्य कर रहे कर्मचारी वहां से भाग निकले। पटरी टूटने से ट्रेन पलट गई थी और कई बोगियां एक-दूसरे में फंस गई थीं गैस कटर से बोगियों को काट कर घायल यात्रियों और मृतकों के शवों को निकाला गया था। दुर्घटना के बाद रेलमंत्री सुरेश प्रभु पर विपक्ष ने हमला किया था और लापरवाही का आरोप लगाते हुए इस्तीफे की मांग की।
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