वाराणसी। बीएचयू (बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी) के कुलपति प्रो. गिरीशचंद्र त्रिपाठी सोमवार को छुट्टी पर चले गए। पिछले दिनों बीएचयू में हुए बवाल के बाद से मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) कुलपति से नाराज है। कुलपति का कार्यकाल 27 नवम्बर तक है। गांधी जयंती पर कार्यक्रम में कुलपति की गैर मौजूदगी को लेकर चर्चा चल पड़ी कि उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया है। सोमवार को कुलपति प्रो. जीसी त्रिपाठी इलाहाबाद से बीएचूय के लिए निकले लेकिन रास्ते में ही उन्हें दिल्ली तलब कर लिया गया। वे दिल्ली में हैं। बीते दिनों बीएचयू में छात्रा के साथ हुई छेड़खानी के बाद परिसर में जमकर हंगामा हुआ था। पुलिस ने विवि परिसर में घुस कर लाठीचार्ज किया था। बीएचयू अधिनियम के अनुसार यदि कुलपति छुट्टी पर जाते हैं तो रेक्टर की नियुक्ति की जाती है। रेक्टर के लिए बीएचयू के तीन सीनियर प्रोफेसरों का नाम दिया जाता है। जिसमें से किसी एक को कुलपति चुनते हैं। रेक्टर की अनुपस्थिति में बीएचयू के रजिस्ट्रार को कुलपति के रूप में प्रभार दिया जाता है। कुलपति को हटाने पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय फैक्स के माध्यम से विवि के रजिस्ट्रार को सूचित करता है। रजिस्ट्रार की ओर से संकाय प्रमुखों एवं विभिन्न संस्थानों के निदेशक की बैठक बुलाकर तीन सीनियर प्रोफेसरों का नाम एमएचआरडी को भेजा जाता है। इन्हीं प्रोफेसरों में से किसी एक को कुलपति का प्रभार दिया जाता है। चीफ प्राक्टर प्रो. रोयाना कहती है कि बीएचयू की सुरक्षा चुस्त-दुरूस्त है। छात्र-छात्राओं से संवाद किया जाएगा ताकि परिसर का माहौल पठन-पाठन का बना रहे।
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